Top cryptocurrency Exchange list in india, Which is the Best Crypto Exchange explained in hindi
Get link
Facebook
X
Pinterest
Email
Other Apps
Top cryptocurrency Exchange list in India, Which is the Best Crypto Exchange - Explained in Hindi
The information
provided on this channel / video /blog /website is for educational and informational purpose
only and it is not considered to be an advice or Recommendation of any kind
Investment. Anyone who wishes to apply the concept and ideas from content of this
channel/video takes full responsibility for their actions. We request you to do
your own due diligence before investing in any cryptocurrency, cryptocurrency
exchange, ICO, IEO. We do not take any responsibility for your profit or loss
and we ill not be liable in any case. Always remember Crypto market are subject
to risk. We are not forcing you to trade/invest in Crypto Market. It is your
own will.Wish You Good Luck.
क्रिप्टो
एक्सचेंज क्या होता है ? कितने प्रकार के होते हैं ? क्या क्रिप्टो एक्सचेंज सेफ हैं
? बेस्ट क्रिप्टो एक्सचेंज को कैसे पहचानें ? ऐसे कुछ सवालों के बारे में जानकारी प्राप्त
करेंगे। जो लोग क्रिप्टो के बारे में जानना चाहते हैं जो क्रिप्टो लवर हैं उनको कभी
न कभी क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में भी जानना पड़ेगा और कोई न कोई क्रिप्टो एक्सचेंज
का उपयोग करना पड़ेगा। इस लिए आइए जानते हैं
की क्रिप्टो एक्सचेंज क्या है, क्यों जरूरी है , ना हो तो क्या फर्क पड़ेगा।
क्रिप्टो
एक्सचेंज को जानने से पहले एक नजर क्रिप्टो वॉलेट और बैंक के बारे में जानते हैं। जैसे
पैसे रखने की जगह बैंक एकाउंट है वैसे क्रिप्टो कोइन्स याने क्रिप्टो एसेट्स को रखने
की जगह आपका क्रिप्टो वॉलेट है।क्रिप्टो कोइन
को पैसों से खरीद ने के लिए बिच में क्रिप्टो एक्सचेंज होते हैं। क्रिप्टो वॉलेट में
पैसे नहीं रखे जाते और बैंक में क्रिप्टो कोइन नहीं रखे जाते। पर क्रिप्टो एक्सचेंज
में पैसे से क्रिप्टो खरीदकर रखे जाते हैं।
दोस्तों आप
क्रिप्टो दो तरह से प्राप्त सकते हो एक तो डायरेक्ट अपने क्रिप्टो वॉलेट में किसी से
रिसीव करो और दूसरा उसे क्रिप्टो एक्सचेंज पर खरीदो। क्रिप्टो वॉलेट क्या है वो आप
मेटामित्र चैनल का वीडियो को देखकर जान सकते है। आप क्रिप्टो को किसी से गिफ्ट में
या अपनी NFT बेचकर सीधा अपने क्रिप्टो वॉलेट में रिसीव कर सकते हो। जिसमें आपका कोई
पैसा नहीं जाता। अब दूसरे वाले तरिके में यानि एक्सचेंज पर क्रिप्टो खरीदने के लिए
आपको पैसा या डॉलर देना पड़ेगा।तो ये क्रिप्टो
एक्सचेंज एक ऐसा मीडियम है जहां क्रिप्टो को बेचने वाले और खरीदने वाले मोजूद होते
हैं। जिस तरह आप शेर मार्किट में शेर खरीदते और बेचते हो उसी तरह ये क्रिप्टो एक्सचेंज
पर इसकी मोबाईल एप के ज़रिये या वेबसाइट के ज़रिये आप क्रिप्टो को बाय या सेल कर सकते
हो। और क्रिप्टो एक्सचेंज हर ट्रांसेक्शन का चार्ज यानि कमीशन लेगा। तो आप समज गए होंगे
की क्रिप्टो जो की सोने चांदी या शेर स्टॉक की तरह एक संपत्ति बन सकती है उसको रखने
की जगह ये दो प्लेस है - पहेलाक्रिप्टो वॉलेट
और दूसरा क्रिप्टो एक्सचेंज। सोने चांदी या शेर स्टॉक की तरह क्रिप्टो एक संपत्ति बन
सकता है , प्रॉपर्टी की तरह भविष्यमें काम आ सकता है।
क्रिप्टो
एक्सचेंज को आसानी से समझने के लिए एक उदाहरण देखते हैं।
आप कोई दुकान
से कोई चीज खरीदते हैं और पेमेंट करते हैं। यदि आप यह पेमेंट केश में करते हैं तो केश
रुपये को रेगुलर करंसी या फ़िएट करंसी कहा जाता है।
यह पेमेंट
गूगल पे , फोन पे या पेटीएम के जरिए - मोबाइल से कोड को स्कैन करके भी किया जा सकता
है। आपने लोगों को ऐसा करते भी देखा होगा। तो ये पेमेंट डिजिटल करंसी से हुआ ऐसा कहा
जाता है। दोनों ही मामलों में आपके बैंक एकाउन्ट से दुकानदार के बैंक एकाउन्ट में रुपयों
का ट्रांसेक्शन यानि लेनदेन होता है। बीच में भारतीय रिजर्व बैंक होती है जिसका सिस्टम
यह चेक करता है कि आपके बैंक खाते में पेमेंट करने के लिए पैसा है या नहीं और उसके
बाद ही पेमेन्ट किया जाता है। यह पूरी प्रोसेस कुछ ही सेकंड में हो जाती है।
उसी तरह जब
एक क्रिप्टो वॉलेट से दूसरे के क्रिप्टो वॉलेट में पेमेन्ट होता है तो बीच में कोई
बैंक नहीं होता है। इंटरनेट के ब्लॉकचैन सिस्टम में स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट प्रोग्राम
द्वारा सबकुछ चेक करके यह पेमेन्ट किया जाता है। यह किसी एक देश के बैंक द्वारा नहीं
बल्कि इंटरनेट नेटवर्क से जुड़े सैकड़ों कंप्यूटरों द्वारा संचालित होता है। जो की
बहुत ही सुरक्षित है।
जब आप क्रिप्टो
को डिजिटल करंसी में रूपये में या डॉलर में कन्वर्ट करना चाहते हैं या डिजिटल करंसी
को क्रिप्टो में कनवर्ट करना चाहते हैं, तो आपको एक मीडिएटर यानि एक्सचेंज की जरूरत
पड़ती है। ये एक्सचेंज क्रिप्टो इकोसिस्टम का एक इम्पॉर्टन्ट पार्ट हैं। क्रिप्टो वॉलेट
और एक्सचेंज दोनों ही आवश्यक हैं ताकि आप आसानी से क्रिप्टो coin और डिजिटल करेंसी
का मेनेजमेन्ट कर सकें। क्रिप्टो एक्सचेंज
न हो तो आप क्रिप्टो कोइन्स को रूपये
पैसे में कन्वर्ट नहीं कर सकते। फर्क सिर्फ इतना पड़ता है की आपको कोई चीज खरीदनी
है तो आपको क्रिप्टो कोइन में पेमेन्ट करना पड़ेगा। जैसे की पिछले कुछ न्यूज़ में सुना
होगा की बड़ी बड़ी कंपनियां उनकी प्रोडक्ट या सर्विस के बदले अब सीधा क्रिप्टो कोइन में
पेमेन्ट करने का ऑप्शन भी देती है।
क्रिप्टो
एक्सचेंज जानने के बाद अब देखते हैं क्रिप्टो एक्सचेंज के कितने प्रकार हैं ? क्रिप्टो
एक्सचेंजों को तीन केटेगरी में बांटा जा सकता है। पहेली केटेगरी हे सेंट्रलाइज़्ड क्रिप्टो
एक्सचेंज, दूसरी है डीसेंट्रलाइज़्ड क्रिप्टो
एक्सचेंज और तीसरी केटेगरी है हाइब्रिड क्रिप्टो
एक्सचेंज यानि मिक्स कैटेगरी।
Centralised Exchange (CeX) सबसे कॉमन और पारंपरिक प्रकार
हैं।
सेंट्रलाइज़्ड
एक्सचेंज प्राइवेट कम्पनी या उसका कोई ऑनर चलाता है। जिस पर गवर्मेंट यानि सरकार का
नियंत्रण होता है। प्राइवेट कंपनियां निवेशकों को क्रिप्टो में बाय सेल का व्यापार
करने के लिए यानि ट्रेडिंग के लिए एक प्लेटफॉर्म देती हैं। ऐसे लोग जो शुरुआत करना चाहते हैं और देखना चाहते
हैं की ये काम कैसे करता है वो इस प्रकार के
एक्सचेंज का उपयोग कुछ नया जानने के लिए करते हैं। कम्पनी इसमें सरल यूजर इंटरफेस बनाती
हे ताकि लोग आसानी से समज सकें और इसका उपयोग करके इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग सिख सकें। यहाँ प्राइवेट कम्पनी होने की वजह से
ग्राहक की सहायता के लिए कस्टमर केर सपोर्ट होता है। लोगों को KYC केवाईसी प्रक्रिया
में अपना आधार कार्ड या नाम पता और मोबाईल नंबर जैसी पर्सनल इन्फॉर्मेशन भी देनी पड़ती
है। Centralised Exchange का सारा डाटा एक ही सर्वर पर होने की वजह से यहां हैकिंग
की समस्या हो सकती है। सेंट्रलाइज़्ड एक्सचेंज इन्स्योरेड होते हैं यानि की इन्होने
बिमा लेके रखा होता हे इस लिए उसको किसी भी तरह का डेमेज होता है या कुदरती आपदा आती
है तो कुछ हद तक आपका क्रिप्टो आपको वापस मिलने की संभावना होती है। यहां बड़ी संख्या
में लोग ट्रेडिंग करते हैं।
ये
Centralised Exchange के कुछ examples हैं। इससे ज्यादा भी हो सकते हैं।
अब देखते
हैं दूसरी कैटेगरी। क्रिप्टो एक्सचेंज की दूसरी
कैटेगरी है Decentralised Exchange- DeX .
ये
Dex इंटरनेट नेटवर्क से जुड़े सैकड़ों सर्वरों पर आधारित ब्लॉकचेन सिस्टम पर होते हैं।
इसका मालिक कोई एक इंसान नहीं है। और ना ही इस पर कोई गवर्मेंट का नियंत्रण है।यहां आपका कोई KYC देने की जरूरत नहीं होती इसलिए
प्राइवसी या गोपनीयता कायम रहती है। ये हैकिंग फ्री है। यदि एक सर्वर पर हमला होता
है, तो दूसरे सर्वर काम करना जारी रखते हैं। इसमें डाटा चोरी की संभावना बहुत कम है
इसलिए यह सबसे सुरक्षित है। ये एक्सचेंज एक person-to-person बिज़नेस मॉडल के आधारित
मार्किट की तरह हैं। यानि आपको किसी थर्ड पार्टी कंपनी को अपने क्रिप्टो कोइन्स देने
की जरूरत नहीं।
DeX में ट्रेडिंग कम होती है और यहाँ स्लो स्पीड में ट्रान्सेक्शन होता
है। ट्रान्सेक्शन में गेस फीस लगती है। यूजर इंटरफेस को समझना थोड़ा मुश्किल लगता है।
ख़ास बात यहाँ कोई ग्राहक सहायता केंद्र यानी कस्टमर सपोर्ट सिस्टम नहीं होता है। यदि
आपने अपना पासवर्ड या वो सीक्रेट शब्दों को कहीं खो दिया जो आपने एकाउन्ट बनाते वक्त
अपनी चाबी के रूप में लिखे थे तो आपको यहाँ कोई मदद नहीं मिल सकती। ये
Decentralised Exchange के कुछ examples हैं। इससे ज्यादा भी हो सकते हैं।
Hybrid Crypto Exchange
अब देखते
हैं तीसरी कैटेगरी। क्रिप्टो एक्सचेंज की तीसरी कैटेगरी है Hybrid Exchange. ये हाइब्रिड एक्सचेंज पहले दो एक्सचेंज
यानि सेंट्रलाइज़्ड और डिसेंट्रलाइज़्ड एक्सचेंज के गुणों को मिलाकर बनाया गया है। पहला
फायदा ये हैं की इसमें डिसेंट्रलाइज़्ड के फीचर
तो हैं ही पर इसका युसर इंटरफेस सिम्पल बनाया होता है ताकि आसानी से समज में आ सके। दूसरा फायदा ये हैं की की यहाँ आप क्रिप्टो को रूपये
पैसे में कन्वर्ट कर सकते हैं। तीसरा फायदा ये हैं की ट्रेडिंग में मैचिंग स्पीड डिसेंट्रलाइज़्ड के कम्पेरिज़न
में फ़ास्ट है पर ट्रेडिंग वॉल्यूम और लिक्विडीटी कम है। Hybrid
Exchange में यहाँ यूजर का क्रिप्टो सेफ रहता है क्यूंकि कोई कंपनी के सर्वर
पर डाटा नहीं रहता। सेंट्रलाइज़्ड एक्सचेंज के मुकाबले इस हाइब्रिड एक्सचेंज में फीचर्स
कम होते है।
डेसेंट्रलाइज़्ड
और हाइब्रिड एक्सचेंज पर लिमिटेड क्रिप्टो टोकन लिस्टेड होते हैं और सेंट्रलाइज़्ड एक्सचेंज
पर ज्यादा क्रिप्टो टोकन लिस्टेड होते हैं।
ये Hybrid
Exchange के कुछ examples हैं। इससे ज्यादा भी हो सकते हैं।
सबसे खास
फीचर ये है की कोई गवर्मेंट अपने देश में क्रिप्टो पर पाबंदी लगाता है तो सेंट्रलाइज़्ड
एक्सचेंज में से क्रिप्टो को वापिस लाना मुश्किल हो जाता है। पर डिसेंट्रलाइज़्ड और
हाइब्रिड एक्सचेंज में आपका क्रिप्टो सेफ रहता है क्यूंकि ये किसी भी देश की सरकार
के नियंत्रण में नहीं होता।
तो दोस्तों
ये थी जानकारी क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में । उम्मीद हे की आप बेस्ट क्रिप्टो एक्सचेंज
को अब आसानी से पहचान पाएंगे। ये तीनों केटेगरी में से कौनसा एक्सचेंज फ्यूचर में आगे
बढ़ेगा ये तो आनेवाला वक्त ही बताएगा।
आने वाले
वीडियो में जानेंगे क्रिप्टो वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या फर्क है , इंडिया
में सबसे पॉप्युलर क्रिप्टो एक्सचेंज कौन कौन से हैं, और घर बैठे क्रिप्टो कोइन बनाने
के तरीके कौन कौन से हैं ये सब जानने के लिए मेटामित्र से जुड़े रहें। नया नया सीखते
रहें और मस्त रहें। मेरामित्र मेटामित्र। जयहिंद जय भारत।
Comments
Post a Comment